Monday, December 12, 2011

मुझे बड़ी ख़ुशी होती है की अब कुछएक लड़के हिझडों की तरह (Social Networking Sites) में लड़कियों चित्र का सहारा ले कर बातें करते है मेरे खयल से वे आपनी मर्दांगनी को भूल लड़कियों का पालू पकड़ रखा है इन लोगों ने , इससे प्रतीत होता है उनकी मर्गंगनी समाप्त हो गई है की आपनी परुषार्थ को छोड़ हिझडों का सहारा ले चुके है सायद उनके संस्कार ही कुछ एसे होंगे माँ ने लड़की चाय होगी और बाप लड़का , भगवान ने हिजड़ा पैदा कर दिया, मुझे ख़ुशी इस बात की है की चलो स्त्री की ताकत को वे समझतें है एसे हिझडों को मेरा धन्यवाद

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